जम्मू-कश्मीर : डेढ़ लाख आतंकवादी हमलों ने निगलीं 48 हजार जिंदगियां
श्रीनगर। कश्मीर में फैले आतंकवाद की
कीमत है 48 हजार लाशें। यह आधिकारिक कीमत है। बकौल गैर सरकारी कीमत है लगभग सवा लाख लाशें। इनमें सभी की लाशें
शामिल हैं। आतंकवाद मरने वालों में भेद नहीं करता।
नतीजतन डेढ़ लाख हमलों को सहन
करने वाली कश्मीर घाटी इन 25 सालों में एक लाख लोगों का लहू बहता देख चुकी है। अगर
आधिकारिक आंकड़ों को ही लें तो मरने वाले 48 हजार लोगों में से जितने आतंकी मारे गए
हैं उनमें से कुछेक ही कम आम नागरिक भी थे तो मरने वालों में। सबसे अधिक वे मुसलमान
ही मारे गए हैं जिन्होंने जेहाद की खातिर कश्मीर में आतंकवाद को फैला रखा है।
बकौल आधिकारिक आंकड़ों के, 18 अगस्त,
2013 तक कश्मीर में 25 सालों का अंतराल 48,234 लोगों की जिंदगियों को लील गया।
इनमें 23,000 आतंकी भी शामिल हैं जिन्हें विभिन्न मुठभेड़ों में सुरक्षाबलों ने
इसलिए मार गिराया क्योंकि उन्होंने उन्हें मजबूर किया कि वे उनकी जानें लें।
हालांकि इन मरने वाले आतंकियों में से एक अच्छी खासी संख्या सीमाओं पर ही मारी गई।
उस समय जब उन्होंने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से भारतीय क्षेत्र में घुसने
की कोशिशें कीं।
कश्मीर में फैले आतंकवाद का एक रोचक
तथ्य। कश्मीर में तथाकथित जेहाद और आजादी की लड़ाई को आरंभ करने वाले थे कश्मीरी
नागरिक और बाद में जो मुठभेड़ों में मरने लगे वे हैं पाकिस्तानी और अफगानी नागरिक।
पाकिस्तानी तथा अफगानी नागरिक इसलिए मरने लगे क्योंकि वे कश्मीर के आतंकवाद को आगे बढ़ाने का ठेका लेकर आए हुए हैं। फिलहाल मारे गए 23 हजार आतंकियों में 12,000 विदेशी आतंकियों का आंकड़ा भी शामिल है।
पाकिस्तानी तथा अफगानी नागरिक इसलिए मरने लगे क्योंकि वे कश्मीर के आतंकवाद को आगे बढ़ाने का ठेका लेकर आए हुए हैं। फिलहाल मारे गए 23 हजार आतंकियों में 12,000 विदेशी आतंकियों का आंकड़ा भी शामिल है।
ऐसा भी नहीं है कि बिना कोई कीमत चुकाए
सुरक्षाबलों ने इन आतंकियों को ढेर कर दिया हो बल्कि आतंकियों को मुठभेड़ों में मार
गिराने की कीमत भी सुरक्षाबलों को चुकानी पड़ी है। कभी यह कीमत आत्मघाती हमलों के
रूप में तो कभी सीमाओं पर आतंकियों के साथ जूझते हुए। आंकड़ें कहते हैं कि 25 साल
का अरसा 6,200 सुरक्षाकर्मियों को लील गया।
मारे गए लोगों में जहां प्रथम स्थान पर
आतंकियों का आंकड़ा था तो दूसरे स्थान पर आम नागरिकों का। दोनों में थोड़ा सा ही
अंतर था। कुल 15,006 नागरिक इन 25 सालों में मौत के ग्रास बन गए।
ऐसा भी नहीं है
कि जेहाद छेड़ने वाले मुस्लिम आतंकियों ने सिर्फ हिन्दुओं या फिर सिखों को ही मौत
के घाट उतारा हो इस अरसे के भीतर। बल्कि चौंकाने वाली बात यह है कि मारे गए 15,006
नागरिकों में 12 हजार से अधिक की संख्या उन मुसलमानों की है जिन्हें आतंकी आज भी 'आजादी'
दिलवाने की बातें करते हैं।
जम्मू-कश्मीर की आतंकी हिंसा में मृतकों की आधिकारिक संख्या
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समय : अगस्त 1988-18 अगस्त 2013
|
कुल हमले
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कुल मृतक
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मृतक
पाकिस्तानी आतंकी
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विदेशी आतंकी
|
निर्दोष नागरिक
|
निर्दोष
मुस्लिम
|
सुरक्षाकर्मी
|
1,50,000
|
48,234
|
23,000
|
12,000
|
15,006
|
12,000 से अधिक
|
6,200
|
जम्मू-कश्मीर की भौगोलिक स्थिति
| ||
भाग
|
वर्ग किमी
|
प्रतिशत
|
सम्पूर्ण
|
2,22,236
|
100
|
पाकिस्तान के कब्जे में
|
78,114
|
35.15
|
पाक ने अवैध रूप से चीन को दिया
|
5,180
|
2.29
|
चीन द्वारा कब्जाया गया
|
37,555
|
16.92
|
भारत के पास शेष बचा जम्मू-कश्मीर
|
1,01,387
|
45.64
|
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