सोमवार, 16 फ़रवरी 2015

धार्मिक आस्था का अर्थ दूसरी शादी का हक नहीं : सुप्रीम कोर्ट

धार्मिक आस्था का अर्थ दूसरी शादी का हक नहीं : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि देश में कानून धार्मिक आस्था के संरक्षण का काम करता है लेकिन ऐसी किसी भी परंपरा की नहीं जो नैतिकता के खिलाफ हो और एक से ज्यादा शादी की इजाजत दे।

यह मामला अदालत तब पहुंचा जब यूपी सरकार ने सिंचाई विभाग में काम करने वाले एक कर्मचारी को नौकरी से बर्खास्त कर दिया। खुर्शीद अहमद खान नाम के इस व्यक्ति ने पहली पत्नी के होते हुए दूसरी शादी की और यह दलील दी कि उसका धर्म उसे एक से ज्यादा शादियों की इजाजत देता है। उत्तर प्रदेश सरकार का कहना था कि ऐसी स्थिति में कर्मचारी सरकारी नौकरी नहीं कर सकता।



खुर्शीद अहमद खान इस मामले को इलाहबाद उच्च न्यायालय ले गए जहां अदालत ने सरकार के फैसले को सही ठहराया। लेकिन वे इसे भी चुनौती देते हुए सर्वोच्च न्यायालय पहुंच गए। यहां जस्टिस टीएसस ठाकुर और एके गोयल की बेंच ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि कानून धार्मिक आस्था के संरक्षण की इजाजत देता है, उससे जुड़ी ऐसी परंपराओं की नहीं जो सार्वजनिक नीति, स्वास्थ्य और नैतिकता के खिलाफ हों।

धार्मिक आजादी की ब्योरा देने वाले अनुच्छेद 25 की बात करते हुए अदालत ने कहा कि यूपी सरकार के कर्मचारी की बर्खास्ती का फैसला ना तो बहुत कठोर है और ना ही धार्मिक आजादी के हक का उल्लंघन करता है। बेंच ने कहा कि अनुच्छेद 25 धार्मिक आस्था की आजादी का हक देता है, ना कि इसकी आड़ में दूसरे काम करने की छूट।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें हाइकोर्ट के फैसले को बदलने की कोई वजह नहीं नजर आती।

अदालत ने इस ओर भी ध्यान दिलाया कि इससे पहले अन्य मामलों में बॉम्बे और गुजरात हाइकोर्ट के फैसलों का भी सुप्रीम कोर्ट ने इसी तरह आदर किया था। हालांकि मुस्लिम पर्सनल लॉ मुस्लिम पुरुषों को चार विवाह करने की आजादी देता है। अदालत ने कहा कि बहुविवाह महज एक दस्तूर है, इस्लाम का मौलिक हिस्सा नहीं और एक विवाह का फैसला राष्ट्र के कानून के तहत आता है। उन्होंने कहा कि सिर्फ इसलिए कि किसी धर्म ने उसकी अनुमति दे दी, इसलिए बहुविवाह उस धर्म का महत्वपूर्ण हिस्सा नहीं बन जाता और इसे स्वीकारा नहीं जा सकता।

खुर्शीद अहमद खान ने पहली पत्नी सबीना बेगम के होते अंजुम बेगम के साथ निकाह पढ़ा। इसके बाद उनकी पहली पत्नी की बहन ने ह्यूमन राइट्स कमीशन में इसकी शिकायत की, जिसके बिनाह पर मामला पुलिस के पास गया और उसके बाद सरकार ने कार्रवाई शुरु की।