
शुक्रवार, 15 अक्टूबर 2010
आंतरिक सुरक्षा मीड़िया के लिए बिकाऊ नहीं

विज्ञान सम्मत है भारतीय संस्कृति
यजुर्वेद के अनुसार सुखपूर्वक जीवन जीने के लिए विज्ञान के आविष्कार आवश्यक हैं।

पश्चिम की संस्कृति से पूर्व की संस्कृति अर्थात भारत एवं भारतीय संस्कृति किन कारणों से महान है यह प्रश्न देश के युवाओं के मन में बार-बार उठता है। हमारे यहाँ के कुछ प्रौढ़ लोग ज्ञान-विज्ञान सहित विकास की परंपरा को नकारते हुए धर्म, अध्यात्म, जप, तप, व्रत एवं पूजा-पाठ आदि को ही भारतीय संस्कृति मानते हैं। वर्तमान परिवेश में जब कोई युवा मंदिर नहीं जाता या तिलक नहीं लगाता, तो घर के बुजुर्ग भरे लहजे में कोसते हुए एक ही राग अलापते हैं, क्या करें जमाना बदल गया है। आजकल के युवा संस्कृति, संस्कार एवं परंपराओं को भूलकर बस पाश्चात्य संस्कृति का अंधानुकरण कर रहे हैं।
शुक्रवार, 1 अक्टूबर 2010
नक्सलवाद : सरकार में दृढ़ संकल्प का अभाव
नक्सलियों से निपटने की रणनीति अस्पष्ट

भविष्य का मीडिया और सामाजिक-राष्ट्रीय सरोकार

सदस्यता लें
संदेश (Atom)